CRIME AGAINST WOMEN
Past years have seen alarming rise in crimes against women, children - especially school going girls - in India. The cases of molestation, eve teasing, rape, kidnapping and murders widely reported by the media are a fraction of reality. Yet there is no quick remedy to instill fear against such criminals. Things have come to this pass that women and children dread venturing out, while parents, family members live in a perpetual fear psychosis.
TAKE ACTION
It’s the TIME the citizens and social organizations with the help and active participation of civil society, corporate and national institutions come together and tackle the menace by making our women and girls, school going children move fearlessly and be capable to defend themselves.
YOU ALSO PARTICIPATE
NUTAN SAVERA FORUM urges upon you to join hands with this initiative to ensure human rights and safety of women & children demanded by any civilized society.
News
SPEECH BY DALAI LAMA
SPEECH BY SHRI NAVEEN REDDY
SELF DEFENCE FOR WOMEN
Testimonials -
भजन सम्राट अनूप जलोटा - "21वीं सदी की नारी को पूर्ण सक्षम होना चाहिए| वह अपनी इच्छाशक्ति के बल पर सब कुछ हासिल कर सकती है। आज हर क्षेत्र में महिलाएं पुरुषों से आगे निकल रही हैं। महिलाओं की सुरक्षा करना हम सबका उत्तरदायित्व है"।
डॉ. मंजूषा मोलवने, सदस्य सचिव, महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग - "महाराष्ट्र राज्य महिला आयोगआयोग के ऐप ‘तेजस्विनी’ को मोबाइल में डाउनलोड करके महिलाएं अपने खिलाफ होने वाले अपराध की शिकायत ऑनलाइन दर्ज करा सकती हैं। महिला आयोग उनकी हर संभव मदद करेगा"।
श्रीमती कमला बडोनी, डिजिटल संपादक, मेरी सहेली - महिलाएं शक्ति का स्वरूप हैं। समाज को बेटा और बेटी में भेद-भाव नहीं करना चाहिए।
अपने जैसी बेटियों के लिए कुछ करना अच्छा लगता है! शुक्रिया Nutan Savera, United Nations, Anup Jalota... ऐसे सेमिनार और वर्कशॉप महिलाओं के लिए ज़रूरी हैं!
सुप्रसिद्ध समाजसेवी श्रीमती निशा सुमन जैन - "महिलाओं में जागरूकता बढ़ रही है। महिलाओं को अपनी सुरक्षा के गुर स्कूल और कॉलेज के समय से सीखने चाहिए"।
सुश्री एन अंबिका, डी सी पी, ज़ोन ४, मुंबई पुलिस - "महिलाओं पर हो रहे अत्याचार और छेड़छाड़ की घटनाओं पर तुरंत कार्रवाई और रोकथाम के लिए हर पुलिस स्टेशन में अलग से महिला विभाग का गठन किया गया है। किसी भी महिला की शिकायत मिलते ही पुलिस हरकत में आ जाती है"।